ज़िन्दगी तन्हाँ नहीं कट पाएगी दोस्त तुमको तो पड़ेगा ही बनाना ज़िन्दगी तन्हाँ नहीं कट पाएगी दोस्त तुमको तो पड़ेगा ही बनाना
कुछ मिला था उनकी गहराई में छिपा हो कोई रात की परछाई में कुछ मिला था उनकी गहराई में छिपा हो कोई रात की परछाई में
याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.। याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.।
फिर भी तेरी याद अपने संग इस नए घर में ले आया। फिर भी तेरी याद अपने संग इस नए घर में ले आया।
बूढ़ा कहकर कोई हसीना कभी न दे उसको ताने। बूढ़ा कहकर कोई हसीना कभी न दे उसको ताने।
वो बचपन ही था पूरा खजाना अपना। वो बचपन ही था पूरा खजाना अपना।